महफ़िल-ए-शायरी
यादें
बीते हुए यादों से कोई दस्तक देता है
कुछ पुराने पन्ने फिर कोई खोल देता है
वो पल जिन्हें हम छोड़ आए थे कहीं दूर
आज फिर कोई उन्ही पलों को समेट लेता है
ज़िंदगी का सफ़र
ज़िंदगी के इस सफ़र में कुछ फ़साने जोड़ता चला
कुछ यादें, कुछ किस्से और कुछ कहानियाँ जोड़ता चला
कभी जो थक के बैठेंगें किसी शाम
तो खोलेंगें इन किस्से-कहानियों का पिटारा हम यारों के नाम
बरसात
नभ बादलों से जब भर आए
मन खुशियों से तब तर जाए
जो बरस पड़े बूँदें छम-छम
उन्मत्त होके बस नाचे हम
आंसू
आज फिर आंसू बेवफ़ाई कर गए
तेरी याद आई और ये फिर बह चले
आफ़ताब
आफ़ताब की रोशनी में ये इश्क़ हमारा यूँ कैद हुआ
न हम होश मे रहे न उन्हें होश मे आने दिया
दर्दे-दिल
दर्दे-दिल की दवा माँगी थी उससे
उसने मुस्करा कर देखा और दर्द बढ़ाकर चले गए
आँखों की ज़ुबान
हर बात ज़ुबान से कही नही जाती, कुछ काम आँखों पर भी छोड़ा करते हैं
खामोंशियों की भी अपनी आवाज़ होती है, उन्हें सुनने की भी कोशिश किया करते हैं
जिंदगी
जिंदगी को जिए जाते हैं कुछ इस तरह से हम
कि हर साँस की पूरी कीमत वसूल लेते हैं
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All the shayari (couplets) in this post are written by me and not copied or reproduced from someone else's writings.
बहुत सुंदर शायरी। खास कर के 'आंखों की ज़ुबान' बहुत अच्छी लगी। ख़ामोशी भी बहुत कुछ कह देती है।
ReplyDeleteVery well written lines.
ReplyDeleteLoved each of the poetry couplet. The one that touched my heart is "Zindagi ka safar".
ReplyDeleteCheers
MeenalSonal from AuraOfThoughts
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Touched my heart. Lovely poem.
ReplyDeleteVery well written :-)
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